Tuesday, December 11, 2012

प्रथम पाठ : अङ्क

जब राजीव दीक्षित जी को सुना, तो पता चला कि मेरे अपने सिद्धान्त भी हैं, मेरी अपनी पृष्ठभूमि भी है, मेरी अपनी विचारधारा भी है, हर सोच-विचार मुझे बाहर से लेने की आवश्यकता नहीं है ! मेरा अपना इतिहास है जो मुझे पहचान देता है.
फिर स्वयं को धीरे धीरे बदलना प्रारम्भ किया. तभी मेरी दृष्टि एक पुस्तक के नीचे लिखे पृष्ठाङकों पर पड़ी. ये मैकाले-शिक्षा नीति का ही प्रभाव था कि मैं उन्हें पढ़ने में असमर्थ था.
इसलिए प्रथम पाठ संस्कृत का वहीं से प्रारम्भ हुआ. अतेव, मैं यहाँ दशमलव में प्रयुक्त होने वाले अड्कों को लिख रहा हूँ, इनका जितना अधिक अभ्यास कर सकते हो कर लो. वन टू थ्री को मिटा कर एक दो तीन लिखना है. ये एकदम से नहीं होगा, लिख-लिखकर इसका अभ्यास करना पड़ेगा ! संस्कृत में दशमलव अङ्क इस प्रकार हैं :









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Saturday, December 1, 2012

श्री गणेश


 ऊँ श्री विघ्रेश्वराय नम: या ऊँ गं गणपतये नम:। 

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभं। 
निर्विघ्रं कुरू मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा।